आज के इस वर्तमान युग में मानव कहां से कहां पहुंच गया है इंसान ने नई नई खोज कर ली है नई नई मशीनें बना ली है
। क्योंकि मानव आज इतना शिक्षित हो चुका है कि वह सोचता है कि जो भी वह कर रहा है वह स्वयं कर रहा है जो भी उन्होंने खोज की है उसे वह अपनी ही उपलब्धि मान कर चलता है
लेकिन कभी यह नहीं सोचा कि पिछले 3 युग बीत चुके हैं जो चीजें आज है वह पहले क्यों नहीं थी जबकि पहले इतने बुद्धिजीवी इतनी शक्तिशाली लोग भी हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में ही यह सब क्यों हुआ आज हम माने तो विज्ञान अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानता है अर्थात वह यह मानता है विज्ञान भौतिकवाद में आज इतना लीन हो चुका है की वह भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठता है या यूं कहें कि वह भगवान को नहीं मानते है। जिस कारण से आज कई देशों में इस भौतिकवाद के कारण मानव नास्तिक बनता जा रहा है। जो उसके स्वयं के विनाश का कारण बनता है जिस कारण से उसे भगवान का डर नहीं रहता और वह पाप करने लगता है।
। क्योंकि मानव आज इतना शिक्षित हो चुका है कि वह सोचता है कि जो भी वह कर रहा है वह स्वयं कर रहा है जो भी उन्होंने खोज की है उसे वह अपनी ही उपलब्धि मान कर चलता है
लेकिन कभी यह नहीं सोचा कि पिछले 3 युग बीत चुके हैं जो चीजें आज है वह पहले क्यों नहीं थी जबकि पहले इतने बुद्धिजीवी इतनी शक्तिशाली लोग भी हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में ही यह सब क्यों हुआ आज हम माने तो विज्ञान अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानता है अर्थात वह यह मानता है विज्ञान भौतिकवाद में आज इतना लीन हो चुका है की वह भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठता है या यूं कहें कि वह भगवान को नहीं मानते है। जिस कारण से आज कई देशों में इस भौतिकवाद के कारण मानव नास्तिक बनता जा रहा है। जो उसके स्वयं के विनाश का कारण बनता है जिस कारण से उसे भगवान का डर नहीं रहता और वह पाप करने लगता है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर भगवान है भी या नही ?
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दोस्तों भारतवर्ष में भगवान को मानने वालों की कमी नहीं है
भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भिन्न-भिन्न धर्म को मानने वाले लोग हैं जिनमें आस्तिकता विद्यमान है और वह भगवान के अस्तित्व को मानते भी हैं लेकिन वह भी यह नहीं जानते कि आखिर पूर्ण परमात्मा है कौन ? Who is real God?
सब कहते हैं कि भगवान एक है लेकिन उस भगवान के बारे में पूर्ण जानकारी किसी को भी नहीं है जबकि सभी धर्म को मानने वाले शास्त्रों का हवाला देते हैं कि इनमें पूर्ण परमात्मा की जानकारी है लेकिन फिर भी वह यह मान कर रह जाते हैं कि उस पूर्ण परमात्मा का कोई आकार नहीं है वह निराकार है........!!
इसीलिए अगर हम शास्त्रों की माने तो हमारे पवित्र शास्त्र बताते हैं कि वह पूर्ण परमात्मा साकार है तथा उसका नाम भी बताया गया है और उसे पाने के लिए पूर्ण संत के बारे में बताया गया है कि वह पूर्ण संत वह होगा जो उस पूर्ण परमात्मा को पाने की सही विधि बताएगा तथा मानव में आस्तिकता को प्रबल करेगा।।
उस तत्वदर्शी संत के बारे में पवित्र गीता ,
गुरु ग्रंथ साहिब आदि में वर्णन आता है कि वह पूर्ण संत ही सच्चा ज्ञान बताता है और वर्तमान में अगर हम देखें तो वह पूर्ण संत जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं क्योंकि वही एकमात्र ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुसार ज्ञान देते हैं तथा सबको समान दृष्टि से देखते हैं तथा जिन्होंने पवित्र शास्त्रों से स्पष्ट करके बताया है कि वह पूर्ण परमात्मा साकार है वह मनुष्य के जैसा है। राजा के समान दिखाई देता है और उस पूर्ण परमात्मा का नाम कबीर है जिसे आज बुद्धिजीवी लोग प्रमाणों को देखकर अचंभित हो जाते हैं लेकिन सत्य को स्वीकार भी करते हैं और कर रहे हैं
लेकिन कुछ अभिमानी और लोभी लोग व धर्मगुरु इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रहे जिस कारण से वे विरोध करते हैं।
यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि भगवान से विज्ञान है विज्ञान से भगवान नही
लेकिन आज यह स्पष्ट हो गया है कि वह पूर्ण संत वह पूर्ण परमात्मा कबीर जी ही हैं जिसकी अधिक जानकारी के लिए आप यह visit करे। 👇👇👇👇👇
तथा साधना tv पर रोजाना रात्रि शाम 7:30 pm से 8:30 pm तक सत्संग
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