मगहर में कबीर साहेब की लीला
कबीर साहेब की लीलाओं को लोग जानते तो है लेकिन
यह नही मानते की यही पूर्ण भगवान है ।
600 साल पहले कबीर साहेब ने मगहर में शरीर छोड़ने से पहले सभी लोगो को अपना ज्ञान समझाते हुए कहा कि राम और अल्लाह एक ही हैं सभी धर्मों के लोग एक परमपिता की संतान है ।
मगहर में भाईचारे की मिसाल
हिन्दू व मुसलमानों के बीच धार्मिक सामंजस्य और भाईचारे की जो विरासत कबीर परमात्मा छोड़कर गए हैं उसे मगहर में आज भी जीवंत रुप में देखा जा सकता है । मगहर में जहाँ कबीर परमेश्वर जी सशरीर सतलोक गए थे , वहां हिंदू - मुसलमानों के मंदिर और मजार 100-100 फुट की दूरी पर बने हुए हैं ।
" कबीर , विहंसी कहयो तब तीनसै , मजार करो संभार । हिन्दू तुरक नहीं हो , ऐसा वचन हमार । "
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