कबीर साहेब को समर्थता
कबीर साहेब समर्थ है उन्हें मारने की बहुत प्रयत्न किए गए लेकिन वह तो अविनाशी है । 52 बार कबीर परमात्मा को मारने की कुचेष्टा की गई थी। जैसे.....
"कबीर साहेब को जहरीले बिच्छू द्वारा मारने का प्रयास"
शेखतकी के आदेश पर सिपाही बहुत सारे बिच्छू टोकरी में भरकर सिकंदर लोधी राजा के दरबार में गए जहाँ कबीर साहेब सत्संग कर रहे थे फिर सिपाहियों ने कबीर साहेब पर बिच्छू छोड़ना शुरू कर दिया।
लेकिन सभी बिच्छू कबीर साहेब तक पहुँचने से पहले ही विलीन हो गए। यह देखकर सभी लोग हैरान हो गए और कबीर साहेब के जयकारे लगाने लगे।
"खूनी हाथी से मरवाने की व्यर्थ चेष्टा"
शेखतकी अपनी ओछी हरकतों से बाज नही आया वह बार बार सिकन्दर लोधी को कबीर जी के बारे में गलत गलत बोलता रहा। एक बार
शेखतकी के कहने पर दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने कबीर परमेश्वर को खूनी हाथी से मरवाने की आज्ञा दे दी। शेखतकी ने महावत से कहकर हाथी को एक-दो शीशी शराब की पिलाने को कहा।
हाथी मस्ती में भरकर कबीर परमेश्वर को मारने चला। कबीर जी के हाथ-पैर बाँधकर पृथ्वी पर डाल रखा था। जब हाथी परमेश्वर कबीर जी से दस कदम (50 फुट) दूर रह गया तो परमेश्वर कबीर के पास बब्बर शेर खड़ा केवल हाथी को दिखाई दिया। हाथी डर से चिल्लाकर (चिंघाड़ मारकर) भागने लगा। परमेश्वर के सब रस्से टूट गए। उनका तेजोमय विराट रूप सिकंदर लोधी को दिखा। तब बादशाह ने कांपते हुए अपने गुनाह की माफी मांगी।
ऐसे ही कई बार कबीर साहेब को यातनाये दी गयी लेकिन वह तो अविनाशी व समर्थ है उन्हें क्या होना था।
जैसे
- परमात्मा के शरीर में कीले ठोकने का व्यर्थ प्रयत्न
- "शेखतकी द्वारा कबीर साहेब को गहरे कुँए में डालना"
- सर्प द्वारा मरवाना
- तलवार से मरवाना
- गर्म तेल के कढ़ाही में डलवाना
- भूख प्यास से मारने की कुचेष्ट
कबीर परमेश्वर की इन लीलाओंं से प्रभावित होकर कबीर साहेब के लाखों शिष्य हो गए थे
कबीर परमेश्वर ने उन्हें सद्भक्ति देकर उनके पुण्य कर्म बनवाएं अतः आप भी उस कबीर परमेश्वर को समझें और वर्तमान में कबीर परमेश्वर द्वारा बताए गए आध्यात्मिक ज्ञान को पूर्ण रूप सेे जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपााल जी बता रहे हैं उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करवाएं ।
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