Wednesday, August 5, 2020

BhaiDooj

भाई दूज 
(बहन-भाई का पवित्र रिश्ता)

भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल  पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई दूज मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है तथा कई मान्यताएं है जिस कारण से इसे मनाया जाता है यह होली के बाद भी, दीवाली के बाद भी मनाया जाता है ।
भाई दूज मनाने के पीछे कारण
जैसे कि बताया है कि इसके पीछे कई मान्यताएं है ।यह त्यौहार भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं, उसे तिलक लगाती है, आरती करती है तथा उसकी मंगलकामना करती है । 

भाई भी बहन को उसकी रक्षा का व उसके सुख दुख में साथ रहने, उसकी मदद करने का वचन देता है। ऐसे माना जाता है कि बहन के घर जाकर उसके हाथ का बना खाना भाई खाता है और बदले में उसे उपहार भी देता है।
यह त्यौहार रक्षाबंधन की तरह ही है

क्या भाई दूज- रक्षाबंधन से भाई की रक्षा होती है?🤔
भाई दूज व रक्षाबंधन मनाने व रक्षाबंधन मनाने रक्षाबंधन मनाने से क्या वास्तव में भाई की रक्षा होती है?
क्या वास्तव में बहन की रक्षा होती है?
क्योंकि यह त्यौहार जिस कारण से मनाया जाते हैं वह कारण कुछ और था ,कुछ मान्यताएं रही ।
लेकिन क्या आज भाइयों की रक्षा , बहनों की रक्षा वास्तव में हो पाती है जबकि यह तो केवल एक पौराणिक मान्यताएं ही हैं जिसे याद के तौर पर मनाया जाने लगा और एक त्यौहार का रूप ले लिया। जबकि हम जानते हैं कि मनुष्य के पाप कर्म जब तक नहीं कटते तब तक हमारी रक्षा व सुख हमे नही मिल सकते। आज वर्तमान में कितने भाई और कितनी बहन मृत्यु को प्राप्त हो जाती है अर्थात हत्याएं हो जाती है, तो फिर उनकी रक्षा क्यों नहीं होती?
क्यों आज जब किसी बहन बेटी का बलात्कार होता है, छेड़छाड़ होती है तो क्यों उनकी रक्षा नही होती ?
क्या वो ह्रदय से भगवान की पुकार नही करती होंगी?
क्या उनकी भक्ति इतनी भी नही कि उनकी रक्षा हो?
क्या उस समय कोई भाई उसे बचा सकता है? नही!
क्यों उनका बचाऊ नहीं होता जबकि वह इतनी आस्था से इन त्योहारों को मनाती है।
क्या वास्तव में यह त्यौहार मनमाना आचरण है?
क्या वास्तव में यह त्यौहार शास्त्र विरुद्ध है?
किस कारण से उन्हें लाभ नहीं मिल पाता ।
तो फिर कैसे हो भाई-बहन, परिवार की रक्षा?

इतने सारे प्रश्न चिन्ह❓❓ खड़े होते है हमारे समक्ष लेकिन पूर्ण समाधान नही होता केवल दंत कथा सुना दी जाती है।
आखिर क्यों हुई द्रोपदी की रक्षा, कैसे प्रह्लाद की रक्षा हुई ?
कौन है वो सच्चा रक्षक?
क्या आज भगवान बदल गया ?
तो क्या कारण है इन सबका ?

ऐसे हो सकती है हमारी रक्षा 👇
द्रोपदी की रक्षा हुई, प्रह्लाद की रक्षा हुई
मीरा बाई की रक्षा हुई । वह सबका रक्षक जो सबकी रक्षा करता है जिसे गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में सर्वश्रेष्ठ परमात्मा कहा गया है जो तीनों लोको में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है जो वास्तव में परमेष्वर कहा गया है जो है हमारा वास्तविक रक्षक जिसे परम अक्षर ब्रह्म कहा गया है। जिसका वास्तविक नाम "कबीर (कविर्देव) " है। जिसने कृष्ण रूप में द्रोपदी की इज्जत बचाई, मीरा बाई की रक्षा करी , नरसिंह रूप बनाया। 
वो है हमारा रक्षक 
जिसकी जानकारी तत्वदर्शी सन्त बताते है जो आज वर्तमान में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत है जो वास्तविक भक्ति उस पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की बताते है जिनसे नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से आज लाखो बहन बेटी सुरक्षित जीवन जी रही है । क्योंकि  शास्त्रानुकूल भक्ति ही लाभदायक होती है जिस कारण से परमात्मा रक्षा करता है।
अगर वात्सव में रक्षाबंधन , भाई दूज मनानी है तो उस पूर्ण सन्त से नाम उपदेश लेकर भक्ति करने से यह सच्चा रक्षाबंधन मनता है अर्थात सच्ची भक्ति से लाभ मिलता है।
अतः आज वही पूर्ण परमात्मा संत रूप में स्वयं आये है जो कि संत रामपाल जी महाराज स्वयं है कहने में अजीब लगेगा लेकिन जब आप इस तत्वज्ञान से परिचित होंगे तो जान जाओगे की पूर्ण सन्त कौन है।
अधिक जानकारी के लिए देखिए सत्संग साधना tv 7:30 pm
तथा निशुल्क पवित्र पुस्तके ज्ञान गंगाजीने की राहगीता तेरा ज्ञान अमृतभक्ति से भगवान, आदि पुस्तके प्राप्त करे और निशुल्क नाम उपदेष लेकर अपना कल्याण करवाये।

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www.jagatgururampalji.org

इन पवित्र पुस्तको से आप जानोगे कि
सृष्टि की रचना कैसे हुई?
हम जन्म से पहले कहां रहा करते थे?
हम क्यों पैदा होते हैं, हम क्यों मरते हैं और मरने के बाद कहां जाते हैं?
क्या कोई ऐसा सुखमय स्थान है जहां जाने के बाद कभी मृत्यु नहीं होती, न बुढापा आता, जहां किसी वस्तु का अभाव नहीं, जहां कोई काम नहीं करना पड़ता?
इतनी भक्ति करने के बाद भी हम दुखी क्यों हैं, आपदाएं क्यों आती हैं?
कौन हमें इन दुखों से आज़ादी दिला सकता है?
कौन है इस आत्मा का असली रक्षक?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको ऊपर बतायी Books में अवश्य मिलेंगे । जिसे आप पुस्तक के नाम पर क्लिक करके निशुल्क डाऊनलोड कर सकते है।
पुस्तक पढ़ने के बाद यदि आप परमात्मा से वास्तविक लाभ प्राप्त करने के लिए तथा मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से नामदान लेना चाहते हैं तो इस लिंके पर Click करके Form भरिये

⤵️
 भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई दूज मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है तथा कई मान्यताएं है जिस कारण से इसे मनाया जाता है यह होली के बाद भी, दीवाली के बाद भी मनाया जाता है ।

भाई दूज मनाने के पीछे कारण
जैसे कि बताया है कि इसके पीछे कई मान्यताएं है ।यह त्यौहार भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं, उसे तिलक लगाती है, आरती करती है तथा उसकी मंगलकामना करती है । भाई भी बहन को उसकी रक्षा का व उसके सुख दुख में साथ रहने, उसकी मदद करने का वचन देता है। ऐसे माना जाता है कि बहन के घर जाकर उसके हाथ का बना खाना भाई खाता है और बदले में उसे उपहार भी देता है।
यह त्यौहार रक्षाबंधन की तरह ही है

क्या भाई दूज- रक्षाबंधन से भाई की रक्षा होती है?🤔
भाई दूज व रक्षाबंधन मनाने व रक्षाबंधन मनाने रक्षाबंधन मनाने से क्या वास्तव में भाई की रक्षा होती है?
क्या वास्तव में बहन की रक्षा होती है?
क्योंकि यह त्यौहार जिस कारण से मनाया जाते हैं वह कारण कुछ और था ,कुछ मान्यताएं रही ।
लेकिन क्या आज भाइयों की रक्षा , बहनों की रक्षा वास्तव में हो पाती है जबकि यह तो केवल एक पौराणिक मान्यताएं ही हैं जिसे याद के तौर पर मनाया जाने लगा और एक त्यौहार का रूप ले लिया। जबकि हम जानते हैं कि मनुष्य के पाप कर्म जब तक नहीं कटते तब तक हमारी रक्षा व सुख हमे नही मिल सकते। आज वर्तमान में कितने भाई और कितनी बहन मृत्यु को प्राप्त हो जाती है अर्थात हत्याएं हो जाती है, तो फिर उनकी रक्षा क्यों नहीं होती?
क्यों आज जब किसी बहन बेटी का बलात्कार होता है, छेड़छाड़ होती है तो क्यों उनकी रक्षा नही होती ?
क्या वो ह्रदय से भगवान की पुकार नही करती होंगी?
क्या उनकी भक्ति इतनी भी नही कि उनकी रक्षा हो?
क्या उस समय कोई भाई उसे बचा सकता है? नही!
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क्या वास्तव में यह त्यौहार शास्त्र विरुद्ध है?
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आखिर क्यों हुई द्रोपदी की रक्षा, कैसे प्रह्लाद की रक्षा हुई ?
कौन है वो सच्चा रक्षक?
क्या आज भगवान बदल गया ?
तो क्या कारण है इन सबका ?

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द्रोपदी की रक्षा हुई, प्रह्लाद की रक्षा हुई
मीरा बाई की रक्षा हुई । वह सबका रक्षक जो सबकी रक्षा करता है जिसे गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में सर्वश्रेष्ठ परमात्मा कहा गया है जो तीनों लोको में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है जो वास्तव में परमेष्वर कहा गया है जो है हमारा वास्तविक रक्षक जिसे परम अक्षर ब्रह्म कहा गया है। जिसका वास्तविक नाम "कबीर (कविर्देव) " है। जिसने कृष्ण रूप में द्रोपदी की इज्जत बचाई, मीरा बाई की रक्षा करी , नरसिंह रूप बनाया। 
वो है हमारा रक्षक 
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इतनी भक्ति करने के बाद भी हम दुखी क्यों हैं, आपदाएं क्यों आती हैं?
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