कृष्ण जी की समर्थता
हिन्दू धर्म मे श्री कृष्ण जी के जन्म उत्सव को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।। उनकी लीलाओं को याद किया जाता है उनकी कथाएँ की जाती है उनकी पूजा अर्चना की जाती है।
श्री कृष्ण जी ने कंस, केसी, चानोर, पूतना जैसे दानवों का अंत किया। उनके गुणगान गाये जाते है।
आज हर कोई हिन्दू धर्म के मानने वाला कृष्ण जी के चरित्र से परिचित है।
लेकिन दोस्तो कुछ शंकाएं आती है जिसका समाधान होना भी जरूरी है ।
अगर हम उनकी लीलाओं ,उनके बारे में जाने की क्या श्री कृष्ण जी ही अखिल ब्रह्माण्ड के मालिक है या और कोई है ??
अगर हम कबीर जी के बारे में जानकारी ले तो चौकाने वाले खुलासे सामने आते है। जिनके सटीक प्रमाण मिलते है कि वह भगवान है सुनने पर यकीन करना नामुमकिन सा लगता है लेकिन पवित्र शास्त्र जैसे गीता, वेद, बाइबिल, क़ुरान, गुरु ग्रन्थ साहेब तथा उन महापुरुषों की वाणियों से पता चलता है कि कबीर साहेब ही भगवान है।
तो आइये श्रीकृष्ण जी और कबीर साहेब की लीलाओं पर विचार करते है कि कौन है समर्थ ।
जैसे.......
जबकि कबीर साहेब ने दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के धार्मिक गुरु शेखतकी की पुत्री जो म्रत्यु उपरांत कब्र में दबा दी थी उसे जीवित किया।
उसके श्वास बढ़ा दिये। जबकि अभिमन्यु के श्वास शेष नही थे जिन्हें कृष्ण जी जीवित न कर सके।
अतः इससे स्पष्ट है कि श्री कृष्ण जी तो केवल तीन लोक के प्रभु है जिन्हें त्रिलोकीनाथ भी कहते है। जबकि कबीर साहेब असंख्य ब्रह्माण्ड के मालिक है प्रभु है।
कबीर साहेब ही समर्थ भगवान है भगवान को पहचानने के लिये तत्वदर्शी सन्त की शरण मे जाना हो होगा वो ही उस परमात्मा की पूर्ण जानकारी देते है। वो सन्त और कोई नही बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही है।
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आज हर कोई हिन्दू धर्म के मानने वाला कृष्ण जी के चरित्र से परिचित है।
लेकिन दोस्तो कुछ शंकाएं आती है जिसका समाधान होना भी जरूरी है ।
अगर हम उनकी लीलाओं ,उनके बारे में जाने की क्या श्री कृष्ण जी ही अखिल ब्रह्माण्ड के मालिक है या और कोई है ??
अगर हम कबीर जी के बारे में जानकारी ले तो चौकाने वाले खुलासे सामने आते है। जिनके सटीक प्रमाण मिलते है कि वह भगवान है सुनने पर यकीन करना नामुमकिन सा लगता है लेकिन पवित्र शास्त्र जैसे गीता, वेद, बाइबिल, क़ुरान, गुरु ग्रन्थ साहेब तथा उन महापुरुषों की वाणियों से पता चलता है कि कबीर साहेब ही भगवान है।
तो आइये श्रीकृष्ण जी और कबीर साहेब की लीलाओं पर विचार करते है कि कौन है समर्थ ।
जैसे.......
- श्रीकृष्ण जी ने मोर ध्वज के पुत्र तामर ध्वज को आरे से कटवाकर जीवित कर दिया लेकिन वह अपनी ही बहन सुभद्रा के पुत्र अभिमन्यु को जीवित नही कर सके अर्थात उनके स्वास नहीं बढ़ा सकें।
जबकि कबीर साहेब ने दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के धार्मिक गुरु शेखतकी की पुत्री जो म्रत्यु उपरांत कब्र में दबा दी थी उसे जीवित किया।
उसके श्वास बढ़ा दिये। जबकि अभिमन्यु के श्वास शेष नही थे जिन्हें कृष्ण जी जीवित न कर सके।
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वेदों में प्रमाण |
- श्रीकृष्ण जी 16 कला के स्वामी है जबकि कबीर साहेब असंख्य कलाओं के मालिक है।
- श्रीकृष्ण जी अर्थात विष्णु जी स्वयं कहते है कि हम तीनो देवो ब्रह्मा, विष्णु, महेश की जन्म म्रत्यु होती है जबकि कबीर साहेब अजन्मा है।
-  श्रीकृष्ण जी की बचपन में परवरिश गायों के दूध और मक्खन से हुई । जबकि कबीर साहिब जी की परवरिश वेदोक्त कुंवारी गाय के दूध से हुई ।
- कृष्ण जी की भक्ति से बैकुंठ लोक जाएंगे । वहां से पुण्य समाप्त होते ही वापिस लख चौरासी में आना पड़ेगा जबकि पूर्ण परमात्मा की भक्ति करके सतलोक जा सकते हैं । जहां जाने के बाद जन्म मृत्यु समाप्त हो जाती है ।
अतः इससे स्पष्ट है कि श्री कृष्ण जी तो केवल तीन लोक के प्रभु है जिन्हें त्रिलोकीनाथ भी कहते है। जबकि कबीर साहेब असंख्य ब्रह्माण्ड के मालिक है प्रभु है।
कबीर साहेब ही समर्थ भगवान है भगवान को पहचानने के लिये तत्वदर्शी सन्त की शरण मे जाना हो होगा वो ही उस परमात्मा की पूर्ण जानकारी देते है। वो सन्त और कोई नही बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही है।
अधिक जानकारी के लिए देखिए सत्संग साधना tv 7:30 pm पढ़े पवित्र पुस्तक ''ज्ञान गंगा' | पुस्तक निःशुल्क प्राप्त करने के लिए। अपना नाम , पूरा पता , मोबाइल नंबन हमें Whatsapp करें . +91 7496801823